भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (62) ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन ट्वीट कर कहा कि वह बैंकों का कर्ज चुकाने को तैयार है। माल्या ने कहा, "मैं अपील करता हूं, कृपया पैसे ले लो। मैं यह किस्सा खत्म करता चाहता हूं कि मैंने पैसे चुराए।"
माल्या कह रहा है कि वह 100% कर्ज चुकाने को तैयार
माल्या ने कहा कि यह बात समझ से परे है कि उसके सेटलमेंट के प्रस्ताव को प्रत्यर्पण के क्यों जोड़ा जा रहा है। लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में माल्या के प्रत्यर्पण का मामला चल रहा है। अदालत 10 दिसंबर को फैसला सुना सकती है। उधर, अगस्ता वेस्टलैंड डील के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पण कर मंगलवार रात भारत लाया गया था। माल्या के सेटलमेंट ऑफर को इस मामले से जोड़कर भी देखा जा रहा था।
माल्या ने बुधवार को ट्वीट के जरिए भारतीय बैंकों और सरकार से अपील करते हुए कहा कि वह बैंकों का 100% कर्ज चुकाने को तैयार है। उसका प्रस्ताव मान लिया जाए। माल्या पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था।
माल्या ने कहा था कि नेता और मीडिया मेरे डिफॉल्टर होने और सरकारी बैंकों से लोन लेकर भागने की बात जोर-शोर से कह रहे हैं। यह गलत है। मेरे साथ सही बर्ताव क्यों नहीं होता? 2016 में जब मैंने कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था तो इसका प्रचार क्यों नहीं किया गया?
विजय माल्या का कहना है कि 'प्रत्यपर्ण पर फैसले का मामला अलग है। इसमें कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी। लेकिन, जनता के पैसे का भुगतान अहम बात है और मैं 100% चुकाने के लिए तैयार हूं।'
माल्या ने कहा, 'नेता और मीडिया मेरे डिफॉल्टर होने और सरकारी बैंकों से लोन लेकर भागने की बात जोर-शोर से कह रहे हैं। यह गलत है। मेरे साथ सही बर्ताव क्यों नहीं होता? 2016 में जब मैंने कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था तो इसका प्रचार क्यों नहीं किया गया?'
माल्या की दलील है कि हवाई ईंधन महंगा होने की वजह से किंगफिशर एयरलाइंस की हालत बिगड़ी। एयरलाइंस 140 डॉलर प्रति बैरल के सबसे ऊंचे क्रूड भाव के दौर से गुजरी थी। इस वजह से घाटा हुआ और बैंकों से लिए लोन की रकम खर्च हुई। मैंने पूरा मूलधन चुकाने का प्रस्ताव दिया था।
शराब कारोबारी का कहना है कि किंगफिशर तीन दशक तक भारत का सबसे बड़ा एल्कोहॉलिक ब्रेवरेज ग्रुप था। इस दौरान हमने सरकारी खजाने में हजारों करोड़ रुपए का योगदान दिया। किंगफिशर एयरलाइंस को खोने के बाद भी मैं बैंकों के नुकसान की भरपाई के लिए तैयार हूं।
माल्या कह रहा है कि वह 100% कर्ज चुकाने को तैयार
माल्या ने कहा कि यह बात समझ से परे है कि उसके सेटलमेंट के प्रस्ताव को प्रत्यर्पण के क्यों जोड़ा जा रहा है। लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में माल्या के प्रत्यर्पण का मामला चल रहा है। अदालत 10 दिसंबर को फैसला सुना सकती है। उधर, अगस्ता वेस्टलैंड डील के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पण कर मंगलवार रात भारत लाया गया था। माल्या के सेटलमेंट ऑफर को इस मामले से जोड़कर भी देखा जा रहा था।
माल्या ने बुधवार को ट्वीट के जरिए भारतीय बैंकों और सरकार से अपील करते हुए कहा कि वह बैंकों का 100% कर्ज चुकाने को तैयार है। उसका प्रस्ताव मान लिया जाए। माल्या पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था।
माल्या ने कहा था कि नेता और मीडिया मेरे डिफॉल्टर होने और सरकारी बैंकों से लोन लेकर भागने की बात जोर-शोर से कह रहे हैं। यह गलत है। मेरे साथ सही बर्ताव क्यों नहीं होता? 2016 में जब मैंने कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था तो इसका प्रचार क्यों नहीं किया गया?
विजय माल्या का कहना है कि 'प्रत्यपर्ण पर फैसले का मामला अलग है। इसमें कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी। लेकिन, जनता के पैसे का भुगतान अहम बात है और मैं 100% चुकाने के लिए तैयार हूं।'
माल्या ने कहा, 'नेता और मीडिया मेरे डिफॉल्टर होने और सरकारी बैंकों से लोन लेकर भागने की बात जोर-शोर से कह रहे हैं। यह गलत है। मेरे साथ सही बर्ताव क्यों नहीं होता? 2016 में जब मैंने कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था तो इसका प्रचार क्यों नहीं किया गया?'
माल्या की दलील है कि हवाई ईंधन महंगा होने की वजह से किंगफिशर एयरलाइंस की हालत बिगड़ी। एयरलाइंस 140 डॉलर प्रति बैरल के सबसे ऊंचे क्रूड भाव के दौर से गुजरी थी। इस वजह से घाटा हुआ और बैंकों से लिए लोन की रकम खर्च हुई। मैंने पूरा मूलधन चुकाने का प्रस्ताव दिया था।
शराब कारोबारी का कहना है कि किंगफिशर तीन दशक तक भारत का सबसे बड़ा एल्कोहॉलिक ब्रेवरेज ग्रुप था। इस दौरान हमने सरकारी खजाने में हजारों करोड़ रुपए का योगदान दिया। किंगफिशर एयरलाइंस को खोने के बाद भी मैं बैंकों के नुकसान की भरपाई के लिए तैयार हूं।
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