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Showing posts from February, 2019

帕米尔公路:横穿中亚的狂野之路

连接吉尔吉斯斯坦的城市 奥什和塔吉克斯坦的首都杜尚别 ,长达1200多公里的帕米尔公路是世界上最狂野的公路之一。对勇敢的旅行者来说,可能是这个星球上最顶级的公路旅行。公 路沿途一片荒蛮,从高原沙漠 到皑皑雪峰,要穿过许多海拔4000多公尺高的山口,而且人烟稀少,雪豹和弯角马可波罗羊可能比人还多。 帕米尔高原,更为人熟知的名字是 Bam-i-Dunya(世界屋脊),山峰海拔7000米以上,比其更高的只有喜马拉雅山脉,喀喇昆仑山脉和兴都库什山脉。帕米尔公路地质活动剧烈,沿途要穿过高海拔的垭口、地震频发地带以及山体滑坡和落石区域, 这让帕米尔公路成为最具挑战 性的驾驶路线之一,但极端的自然环境也吸引着热爱壮阔荒野风光的机车手、自行车手和冒险家。 这条穿越崇山峻岭的公路最初由俄国人在所谓的的“大博弈”时期所建。“大博弈”是指始于19世纪中叶大英帝国和沙皇俄国争夺中亚控制权的明争暗斗。 丝绸之路的一条主干道也沿着这条 路线,如今仍能看到为了保护该地区贸易所建的中世纪山顶堡垒的残骸。20世纪,前苏联翻修了公路, 但是大多数公路还是崎岖不 平的岩石和沙土道,因受土壤侵蚀,路面坑洼和年久失修的影响,这条路一直未能铺好。 帕米尔公路一大段路线沿着分隔阿富汗和塔吉克斯坦的汹涌的喷赤河,穿过瓦罕走廊,河的两岸伊斯玛仪穆斯林的小村落星罗棋布。司机和骑手们经常遇到急转弯和湍急水流之上的险峰, 有时会沿着狭窄的河漫滩驾驶, 通常车胎与河流仅是咫尺之隔。 然而,旅行者们的辛劳很值得 。在相隔两个中亚城市间长达一周的自驾旅行中,每天都有多姿多彩的壮丽景色映入眼帘,比如宛若梦境的碧蓝湖泊,双峰驼栖息的沙滩,其中的雅什库湖( Lake Yashikul)是横跨帕米尔公路半个旅程的 巨大淡水湖。这些湖泊是许多鱼和鸟类的 栖息地,可供室外爱好者在此世界上最人迹罕至的地方之一登山和露营。 这里,放眼望去高耸入云的高山雪峰连绵不断,不只有帕米尔高原的群峰,还能看到起源于 阿富汗的兴都库什山脉。有些山峰有着引 人遐想的名字,比如科学院山,还有许多未曾命名尚无人攀登过的山峰。 没有护栏,山高路窄, 悬崖绝壁之下急流崩腾, 这条路胆小者勿入。还有极端天气、地震、山体滑坡、雪崩、洪水,以及惨不忍睹的路况,这一切让每天上路都充满挑战。加上人烟稀少,车辆服务区间隔很远,在让肾上腺素飙升的陡 坡险路

पुलवामा CRPF हमला: प्रेस कॉन्फ़्रेंस में हंस नहीं रही थीं प्रियंका गांधी

सोशल मीडिया पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का एक 'स्लो-मोशन वीडियो' शेयर किया जा रहा है जिसके साथ लिखा है, "पुलवामा हमले के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में हंसती हुईं प्रियंका वाड्रा." इस वीडियो को शेयर कर रहे लोगों ने यह ज़ाहिर करने की कोशिश की है कि ऐसे मुद्दों को लेकर प्रियंका गांधी गंभीर और संवेदनशील नहीं है. हमने पाया कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय पर गुरुवार देर शाम हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस के वीडियो को थोड़ा धीमा कर दिया गया है और इसे बिल्कुल ग़लत संदर्भ देकर शेयर किया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी द्वारा पहले से तय की गई प्रियंका गांधी की इस 'पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस' का पूरा वीडियो देखकर साफ़ हो जाता है कि ये दावा ग़लत है. उनके इस ट्वीट को अब व्हॉट्सऐप पर शेयर किया जा रहा है और उनके द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो को क़रीब 50 हज़ार बार देखा जा चुका है. गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ़ के जवानों पर हुए चरमपंथी हमले की ख़बर आने के क़रीब चार घंटे बाद प्रियंका गांधी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की शुरुआत इस संदेश

अमिताभ बच्चन की पहली फ़िल्म 'सात हिन्दुस्तानी' के 50 साल

अमिताभ बच्चन की पहली फ़िल्म 'सात हिन्दुस्तानी' को प्रदर्शित हुए इस साल 50 साल होने जा रहे हैं. इसी के साथ महानायक बन चुके अमिताभ बच्चन को भी फ़िल्मों में प्रवेश किये अब 50 बरस हो जायेंगे. हालांकि जब उस समय के जाने-माने लेखक, फ़िल्मकार ख़्वाजा अहमद अब्बास ने यह फ़िल्म बनायी थी तब उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा कि उनकी यह फ़िल्म इतिहास में अमर हो जायेगी. न ही इस फ़िल्म के सात प्रमुख कलाकारों में से एक अमिताभ बच्चन ने कभी सोचा था कि यह फ़िल्म भविष्य में सिर्फ़ उनके कारण ही बार-बार याद की जायेगी. अमिताभ बच्चन को यह फ़िल्म कैसे मिली और उसके बाद उनकी अभिनय यात्रा में क्या-क्या उतार चढ़ाव आए इसकी बात तो हम करेंगे ही लेकिन उससे पहले यह जान लें कि ' सात हिन्दुस्तानी' फ़िल्म आख़िर क्या थी. अमिताभ के अलावा और कौन-कौन कलाकार इस फ़िल्म में थे. ख़्वाजा अहमद अब्बास 'सात हिन्दुस्तानी' के निर्माता, निर्देशक ही नहीं लेखक और पटकथा लेखक भी थे. यह फ़िल्म गोवा को पुर्तगाली शासन से आज़ाद कराने की कहानी पर बनी थी. पुर्तगालियों से इस मुश्किल और ख़तरनाक लड़ाई को लड़ने के लिए अब्ब